संयम, साधक के जीवन में मकान के नींव की तरह है यदि मकान की नींव कमजोर रहती है तो वह मकान अधिक समय तक टिक नहीं सकता है उसी प्रकार साधक के जीवन में संयम अर्थात् आत्म संयम कमजोर हो जाए तो वह साधना के पथ अर्थात् अपने लक्ष्य से विमुख हो जाता है |
वर्तमान में देखा जाए तो साधारण व्यक्ति और साधक में अधिक फर्क दिखाई नहीं देता है इसका कारण है कि दोनों ने अपने जीवन में संयम को स्थान नहीं दिया है | जिस कारण चाहे साधक हो, चाहे साधारण व्यक्ति दोनों ही दु:खी, निराश दिखाई देते हैं | आज इस असंयम के कारण ही समाज में हिंसा, अपराध, रोग, शोक आदि दिखाई दे रहे हैं क्योंकि मन के वशीभूत होकर ही यह सब कुछ हो रहा है|
यदि साधक का नियंत्रण मन पर नहीं है तो वह बहुत शीघ्र ही इस मायावी, बनावटी, कल्पनाओं के आकर्षण से आकर्षित हो जाता है और अपने विवेक को त्याग कर स्वयं एक गहरी खाई में उतर जाता है, जिस कारण वह स्वयं को नागपास में जकड़ा हुआ महसूस करता है और अपना पतन स्वयं ही कर लेता है|
इस संसार में हर व्यक्ति के सामने प्रलोभन का मोहक रूप नाना प्रकार से सामने आता ही रहता है | जब यह सामने आता है तो इसकी चकाचौंध सबसे पहले मन को आकर्षित करती है , जिस कारण मन को उसमें संसार का सबसे अधिक सुख दिखाई देता है| उस क्षण विवेक भी पंगु हो जाता है और उसकी सारी नैतिकता, व्रत, संकल्प, क्षणभंगुर सुख के लिए घुटने टेक देते हैं और वह अपने लक्ष्य से स्वयं को बहुत दूर पाता है |
वर्तमान में सभी जगह इसी क्षणभंगुर सुख के लिए लोग अपने पतन करने के लिए लालायित है| इस मायावी आकर्षण ने बड़े-बड़े विद्वानों को भी धूल चटा दी है | जो साधना के पथ पर आगे बढ़ना चाहते थे वह भी विपरीत ही कार्यों में संलग्न है और अपना व समाज का नुकसान कर रहे हैं |
श्रीमद् भगवद् गीता में भी कृष्ण ने कहा है कि मन को संयमित न करने वाले पुरुष के लिए योग दुष्प्राप्य है | जिस व्यक्ति ने अपने मन पर विजय प्राप्त कर ली उसने दुर्लभ से दुर्लभ चीज को प्राप्त कर लिया है|
जो साधक या व्यक्ति इसकी चंचलता में बहक गया है उसने अपना चरित्र, आदर्श, नैतिक दृढ़ता, धर्म को नष्ट-भ्रष्ट कर दिया है| वह अपनी एक कुचेष्टाओ को छुपाने के लिए नयी -नयी कुचेष्टाएँ करता ही रहता है और पापरूपी खाई में गोते लगाता ही रहता है तथा अपना जीवन सांसारिक ताप संताप की अग्नि में झुलसाता रहता है | इस कारण वह इंद्रियों सुखों के लिए अपने जीवन की शांति को खो बैठता है और आध्यात्मिक सुख से भी वंचित हो जाता है|
अतः जो व्यक्ति इस संसार में साधक की तरह अपना जीवन जीना चाहता है तो उसे संयम का मार्ग अपनाना ही पड़ेगा | यह तभी संभव होगा जब व्यक्ति मन को एकाग्रचित कर ले | अन्यथा भटकने के सिवाय कुछ भी हाथ नहीं लगेगा और जीवन भी निरर्थक ही चला जाएगा |
साधना के इतिहास में ऐसे अनगिनत उदाहरण है जिन्होंने संयम को अपना करके स्थिर सुख को प्राप्त कर लिया है तथा इसके विपरीत आचरण करके अपनी और समाज की हानि ही की है |
“सपने वो नहीं जो हम सोने के बाद देखते हैं,
सपने वो हैं जो हमें सोने नहीं देते”
ए.पी.जे.अब्दुल कलाम आजाद
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। यह कहावत हमेशा हमें यह याद दिलाती है कि जब हम ईमानदारी से, मेहनत से और लगन से किसी कार्य में लग जाते हैं, तो हालात जैसे भी हों, हमारी कोशिश सफल होने की संभावना बनी रहती है। हालांकि, यह सच है कि सफलता की कहानियाँ अमूर्त होती हैं, लेकिन जब तक हम निरंतर प्रयत्न करते रहते हैं, हमें सफलता की ओर जाने के लिए एक मार्ग मिलता रहता है। कोई भी महान उपलब्धि या सफलता प्राप्त करने के लिए कोशिश करने वाले व्यक्ति कभी हार नहीं मानते। वे निरंतर संघर्ष करते रहते हैं, चुनौतियों का सामना करते हैं और स्वयं को सुधारते रहते हैं। इसी संघर्ष और प्रयत्न में ही उनकी सफलता का राज़ छुपा होता है। हमारी प्रयत्नशीलता में हमें कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम कितने बार गिरते हैं, बल्कि महत्वपूर्ण यह है कि हम हर बार उठते हैं और फिर से प्रयत्न करते हैं। इसी प्रकार की दृढ़ता और संकल्प से किये गए प्रयत्न में ही हमें सफलता मिलती है।
कई महान व्यक्तित्व जैसे कि एल्बर्ट आइंस्टीन, थॉमस एडिसन, स्टीव जॉब्स आदि की कहानियाँ हमें सिखाती हैं कि वे कैसे निरंतर प्रयत्नशील रहे हैं और अपनी मेहनत, संघर्ष और समर्पण से सफल हुए। उन्होंने कभी हार नहीं मानी, चाहे वह कितनी भी मुश्किलें क्यों ना हों।
कोशिश करने वाले लोग हमेशा नई चुनौतियों का सामना करते हैं और उनका स्वागत करने की क्षमता रखते हैं। वे अपनी अद्वितीयता में विश्वास करते हैं और निरंतर आगे की ओर बढ़ने की दिशा में अग्रसर रहते हैं। कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती क्योंकि वे किसी भी परिस्थिति में हार नहीं मानते। वे हर गिरावट को एक नई ऊँचाई के रूप में देखते हैं और निरंतर प्रयत्न करते रहते हैं। कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती क्योंकि वे हर संघर्ष को एक नई उपलब्धि के रूप में देखते हैं और निरंतर प्रयत्नशील रहते हैं ।
महापुरुषों ने अपने जीवन के अनुभवों से निकलकर कुछ महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किए हैं जो कोशिश करने वालों के लिए प्रेरणा स्त्रोत हो सकते हैं:
महात्मा गांधी: “आज की कोशिश, कल की सफलता की कुंजी है।
“स्वामी विवेकानंद: “उठो, जागो और बदलो – यही जीवन का सत्य है।
“स्वामी चिन्मयानंद: “विचार की शक्ति से जगह जाएं, अनुभव की शक्ति से परिपूर्ण जीवन जियें।
“रवींद्रनाथ टैगोर: “जिसके हृदय में उम्मीद है, वह कभी हार नहीं मानता।”
इन महापुरुषों के विचारों से स्पष्ट होता है कि कोशिश करने का महत्व इसी में है कि संघर्ष से नहीं हारना। इस बात पर अटल विश्वास ही सफलता की कुंजी है। इन विचारों को आत्मसात करके और उन पर अमल करके हम अपनी कोशिशों में समर्पित रहकर जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
जीवन में सफलता प्राप्त करना हर व्यक्ति का सपना होता है। यह केवल एक गंतव्य नहीं है, बल्कि यह एक यात्रा है जो संघर्ष, समर्पण और निरंतर प्रयासों से गुजरती है। “The Voice of Victory” शीर्षक से लिखा गया यह ब्लॉग इस यात्रा की गहराइयों को समझने और इसे साकार करने की दिशा में एक प्रेरणादायक प्रयास है। इसमें उन कहानियों, विचारों और अनुभवों को साझा किया जायेगा , जो सफलता के मार्ग पर चलते समय हमें प्रेरित कर सकते हैं।
यह ब्लॉग उन व्यक्तियों की सच्ची कहानियों के बारे में है , जिन्होंने अपने जीवन में न केवल सपनों को साकार किया, बल्कि अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बने। यह केवल एक साधारण प्रेरणादायक लेखन नहीं है, बल्कि एक ऐसा मंच है जहां सफलता के हर पहलू को समझा और बताया गया है।
“The Voice of Victory” न केवल उन लोगों की कहानियों को प्रस्तुत करता है, जिन्होंने ऊँचाइयों को छुआ है, बल्कि इसमें उन अदृश्य आवाज़ों को भी शामिल किया गया है, जो हमें संघर्ष के दौरान खुद पर विश्वास करने की प्रेरणा देती हैं। इसमें सफलता प्राप्त करने के लिए आवश्यक मानसिकता, संघर्षों का सामना करने के तरीके और खुद को प्रोत्साहित करने के साधनों पर भी चर्चा की गई है।
इस ब्लॉग में सफलता की आवाज़ को सुना जा सकता है – वह आवाज़ जो हमें निराशा में भी हिम्मत और ताकत देती है। यहाँ पर यह समझाया गया है कि सफलता का अर्थ केवल धन या प्रसिद्धि प्राप्त करना नहीं है, बल्कि यह उस संतोष का नाम है जो हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के बाद मिलता है।
इसके साथ ही, यह ब्लॉग हमें यह भी सिखाता है कि असफलता केवल एक पड़ाव है, अंत नहीं। असफलता हमें सफलता की दिशा में और अधिक मजबूती से आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करती है। इसमें उन लोगों की कहानियों को भी शामिल किया गया है, जिन्होंने असफलताओं के बाद भी हार नहीं मानी और आखिरकार सफलता प्राप्त की।
“The Voice of Victory” न केवल उन लोगों के लिए है जो पहले से ही सफल हैं, बल्कि यह उन सभी के लिए है जो अपनी यात्रा में संघर्ष कर रहे हैं। यह ब्लॉग उन्हें प्रेरित करता है कि वे अपनी अंतर्निहित शक्ति को पहचानें और सफलता की दिशा में आगे बढ़ें।
संक्षेप में, यह ब्लॉग एक आवाज़ है जो हर दिल को जीतने के लिए प्रेरित करती है, जो हमें यह याद दिलाती है कि हर एक के अंदर विजेता बनने की क्षमता है। यह आवाज़ वह है जो हमारे भीतर के साहस, धैर्य और आत्मविश्वास को जागृत करती है, और हमें सफलता की ओर अग्रसर करती है।
बृजेश कुमार
असफलता ही सफलता की सीढ़ी है |
प्रत्येक मनुष्य के जीवन में असफलता तथा निराशा का आना, उसे कमजोर करना नहीं अपितु पुन: अपना स्व मूल्यांकन करके फिर से आगे बढ़ना होता है |
हर व्यक्ति के जीवन में सफलता और असफलता, सुख और दु:ख आते ही रहते हैं जो मनुष्य दु:ख और असफलताओं से घबराते नहीं हैं अपितु अपनी कमियों को पहचान कर प्रयत्नशील बने रहते हैं वह अपने जीवन में सफलता की ऊंचाइयों को छूते है |
ऐसा कभी आपने देखा है कि कभी रात के बाद दिन नहीं हुआ हो, क्या पतझड़ के बाद बसंत नहीं आती है, क्या ग्रीष्म के बाद वर्षा नहीं आती है फिर हम अपनी कठिनाइयों को स्थाई क्यू समझ लेते हैं| जब एक के बाद एक का आना निश्चित है तो यह भी निश्चित है कि सुख के बाद दु:ख अवश्य होगा | जहां जन्म है वहाँ मरण होगा |जहाँ सफलता है वहां असफलता भी होगी |
यदि मनुष्य दु:खों और निराशा को जकड़ कर बैठ जायेगा तो वह अपने अंदर शोक, विपत्ति, जलन, रोग तथा अल्पायु को जन्म दे रहा होगा|
अगर सही मायने में कहा जाये तो दु:खों का मूल कारण निराशा नहीं है अपितु निराशा के कारण ही दु:खो का जन्म हो रहा है|
अगर हमें कभी असफलता तथा निराशा का सामना भी करना पड़े तो हमें घबराने की बजाये उसका उपचार अर्थात उसके कारण का उपचार करना चाहिए और जिसने निराशा को खुशी-खुशी स्वीकार किया और अपने लक्ष्य के प्रति प्रयत्नशील रहा तो यह निराशा ही एक दिन उसके लिए आशा की किरण अर्थात उसके गले का हार बन जाएगी |
मनोबल बनाए रखना एक महत्वपूर्ण गुण है जो हमें जीवन के हर क्षेत्र में सफलता की ओर बढ़ने में मदद करता है। मनोबल से तात्पर्य मानसिक शक्ति और ऊर्जा से है, जो हमें जीवन की चुनौतियों और संघर्षों का सामना करने में साहस और आत्म-संयम प्रदान करता है।
मनोबल का महत्व सबसे पहले हमारे स्वास्थ्य में दिखाई देता है। स्वस्थ मानसिकता रखने से हमारा शारीरिक स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है। यह हमें अवसाद, तनाव, और दिल की बीमारियों से दूर रखता है। मनोबल से उम्मीद से भरा दिल और आत्म-निर्भरता मिलती है, जिससे हम अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में समर्थ होते हैं। मनोबल का संवाद भी हमारे रिश्तों में गहराई और महत्वपूर्णता बनाए रखता है। जब हम प्रसन्न और संतुलित रहते हैं, तो हमारे संबंध भी स्थिर और समरस रहते हैं। मनोबल बनाए रखने से हम आत्म-समर्पण में जीवन जीने की क्षमता प्राप्त करते हैं। हमारा निरंतर आत्म-मनोबल एक अद्वितीय शक्ति है जो हमें जीवन की कठिनाइयों का सामना करने में समर्थ बनाती है। मनोबल का सही तरीके से देखभाल करने के लिए आत्म-समर्पण, सकारात्मकता, और साहस की आवश्यकता होती है। सकारात्मक मानसिकता रखने से हम अपने अतीत को स्वीकार करते हैं और भविष्य के लिए नई ऊर्जा और उत्साह प्राप्त करते हैं। मनोबल बनाए रखना हमें जीवन की हर मुश्किल से निपटने की क्षमता प्रदान करता है। यह हमें आत्म-संवाद, संतुलन, और संघर्ष में मदद करता है, जिससे हम अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में समर्थ होते हैं और खुशहाल जीवन जी सकते हैं।
मनोबल की शक्ति से हम कई महत्वपूर्ण कार्यों को संपन्न कर सकते हैं:
लक्ष्य प्राप्ति: मनोबल की शक्ति से हम अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में समर्थ होते हैं। यह हमें उत्साह, संघर्षशीलता, और समर्पण प्रदान करती है, जो हमें अपने मानसिक और शारीरिक सीमाओं को पार करने में साहस देती है।
स्वास्थ्य और खुशहाली: मनोबल की शक्ति से हम अपने मानसिक स्वास्थ्य को संजीवनी दे सकते हैं। सकारात्मक मानसिकता, संतुलन और आत्म-संयम के माध्यम से हम तनाव से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं।
संबंधों की सुधार: मनोबल की शक्ति से हम अपने संबंधों को मजबूती से निभा सकते हैं। सही दिशा में सकारात्मक ऊर्जा से हम अपने पारिवारिक और सामाजिक संबंधों को बनाए रख सकते हैं।
नई कौशल सीखना: मनोबल की शक्ति से हम नई चीजें सीखने की क्षमता प्राप्त कर सकते हैं। यह हमें नए विचार और नए कौशल विकसित करने में मदद करती है, जिससे हम अपने रोजगार में और भी महिमामयी बन सकते हैं।
सामाजिक परिवर्तन: मनोबल की शक्ति से हम सामाजिक परिवर्तन में योगदान कर सकते हैं। सकारात्मक मानसिकता से भरे लोग सामाजिक समस्याओं का सामना करने के लिए प्रेरित होते हैं और समाज में सुधार की दिशा में कदम उठाते हैं।
संघर्षों का सामना: मनोबल से सजीव और निष्ठावान मानसिकता प्राप्त कर हम जीवन की हर चुनौती और संघर्ष का सामना कर सकते हैं। यह हमें हालातों के खिलाफ उत्साही, संघर्षशील रहने में मदद करती है।
मनोबल की शक्ति हमें जीवन की हर क्षेत्र में सफलता की ओर ले जाने में मदद करती है, चाहे वह व्यक्तिगत जीवन हो, पेशेवर जीवन हो, या सामाजिक क्षेत्र में हो। यह हमें आत्म-संवाद और निर्भीक दृष्टिकोन प्रदान करती है, जो हमें जीवन की हर चुनौती का सामना करने में समर्थ बनाती है।