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नई गूँज: नियमावली

रचनाएं goonjnayi@gmail.com ई-मेल पते पर भेजी जा सकती हैं। रचनाएं भेजने के लिए नई गूँज के साथ लॉग-इन करें, यह वांछित है।
लॉग-इन पाने के लिए यहाँ नई गूँज ई-पत्रिका के लिए पंजीकृत हों। नई गूँज की सदस्यता पूर्णतय: नि:शुल्क है। नई गूँज में सदस्यता से आप हमारे साथ “आपका आयाम” नामक अपना पन्ना पायेंगे, जिस के द्वारा आप:

  • मंगल अथवा शुषा फॉण्ट में अपनी रचना प्रेषित कर सकते हैं
  • अपनी हस्त-लिखित रचना की पांडु-लिपि भेज सकते हैं
  • प्रकाशनार्थ अपनी रचनायें भेज सकते हैं
  • अपनी प्रकाशित रचनाओं की सूची देख सकते हैं
  • अपने “पसंदीदा रचनाकारों” एवं “पसंदीदा रचनाओं” की सूची बना सकते हैं
  • सम्पादक मंडल को अपने विचार भेज सकते हैं।
  • अपने परिचय को किसी भी समय अद्यतन परिवर्तित कर सकते हैं।

नई गूँज का उद्देश्य:

हिन्दी साहित्य, संस्कृति एवं कला की गहन, निरंतर और व्यापक अमूल्य निधि में अपने सार्थक प्रयत्नों द्वारा वैश्विक स्तर पर साहित्य साधकों को संगठित करके हिंदी भाषा का समुचित संरक्षण, संवरण, विकास एवं विस्तार करना हमारा परम लक्ष्य है। साहित्य सृजन के महत्त कार्य में अपने-अपने सरोकारों से रचनाशीलता में जुड़े सभी कर्मठ एवं साहित्य के प्रति कटिबद्ध रचनाकारों को एक सांझे मंच पर लाकर उनकी रचनाओं को विश्वस्तरीय पहचान करवाना हमारा उद्देश्य है।

नई गूँज विशुद्ध रूप से साहित्यिक पूर्णतयः अव्यवसायिक, साहित्य, कला एवं सामजिक सरोकारों की त्रैमासिक इ-पत्रिका है। नई गूँज में प्रकाशित सभी रचनाओं एवं कला-वस्तु के सर्वाधिकार प्रकाशक, रचनाकारों एवं कलाकारों के पास सुरक्षित हैं। दिल को छू लेने वाली साहित्यिक संरचना, भारतीय संस्कृति की मूलभूत अवधारणा में निहित समन्वय-सामंजस्य एवं मानवतावादी दृष्टि को उजागर करती, हमारी टेढ़ी राजनीति के सीधे सरल नाम से कुछ दूर हो कर, आशा से परिपूर्ण, लिखी गयी रचनाओं (कविता, कहानी, संस्मरण, यात्रा-वृत्तांत, लेख-आलेख, दर्शन, व्यंग्य, ग़ज़ल, शोध-पत्र, नाटक, बाल-साहित्य, लोक-वाणी) का इसमें सहज स्वागत है। कला-वस्तु में आपकी कला-कृतियों (पेंटिंग, फ़ोटोग्राफ़, शिल्प, कंप्यूटर ग्राफ़िक, आदि) की तस्वीरों का स्वागत है।

नई गूँज के अंक क्रमशः २३ मार्च, २३ जून, २३ सितम्बर, २३ दिसम्बर को प्रतिवर्ष प्रकाशित किये जायेंगे।

रचनाकारों एवं कलाकारों के लिए नियमावली और अनुरोध:

रचनाएँ भेजते समय निम्नांकित नियमों का पालन करना अनिवार्य है:

  • केवल स्वरचित, मौलिक रचनाएं ही नई गूँज में प्रकाशनार्थ प्रेषित करें। (अपवाद: लोक-वाणी, साहित्य-स्तम्भ, अनुवाद, लिप्यान्तरण इत्यादि में प्रेषण के लिए आगे पढ़ें।)
  • नई गूँज में प्रकाशित रचनाओं में व्यक्त विचार एवं भाव रचनाकारों के निजी हैं। उन से संपादक मंडल का सहमत होना अनिवार्य नहीं है।
  • नई गूँज पूर्णतयः अव्यावसायिक ई-पत्रिका है। रचनाएँ प्रकाशित करने के लिए पूर्व सूचना के बिना किसी प्रकार का मानदेय देने अथवा लेने की व्यवस्था नहीं है।
  • नई गूँज में प्रकाशन के लिए प्रेषित रचनाएँ किसी और ई-पत्रिका/जालघर/ब्लॉग में प्रकाशित अथवा प्रकाशन हेतु न भेजी गई हों।
  • रचनाकार किताबी पत्र-पत्रिकाओं, पुस्तकों में अपनी पूर्व प्रकाशित रचनाएँ भी प्रकाशन हेतु भेज सकते हैं। इसके लिए रचना प्रकाशन का पूरा संदर्भ देना अनिवार्य है, इसमें – रचना का प्रकाशन काल, पुस्तक अथवा पत्रिका जिसमें प्रकाशित हुई उसका नाम व प्रकाशक का पता दें।
  • अनुवादित, लिप्यांतरित अथवा संकलित रचनाओं के लिए मूल लेखक की अनुमति लेना अथवा रचना सन्दर्भ बताना आवश्यक है। इसमें – मौलिक रचनाकार/भाषा/ पुस्तक का नाम एवं प्रकाशन काल देना आवश्यक है।
  • लोक-वाणी में ऐसे रचनाकारों की रचनायें संकलित की जा रही हैं जो कि श्रुति रूप में जन-जन में प्रचलित हैं। इसमें स्थानीय प्रसिद्धि की रचनायें, किसी अंचल विशेष में प्रचलित कथा, कहानी, गीत, दोहा, श्लोक, किम्वदंतियां, बुझारतें इत्यादि का स्वागत है। यदि इनके रचनाकार का नाम उपलब्ध न हो तो स्थानीयता का सन्दर्भ देना आवश्यक है। आप ‘प्रस्तुतकर्ता’ या ‘संकलनकर्ता’ की हैसियत से इन्हें प्रेषित कर सकते हैं।
  • साहित्य-स्तम्भ विधा में नई गूँज के प्रत्येक अंक में हिंदी के एक प्रतिष्ठित, युगांतरकारी साहित्यकार जिनकी रचनाओं से हिंदी मौलिक रूप से समृद्ध हुई, तथा उसकी साहित्य धारा को एक नयी दिशा मिली उनका परिचय एवं कुछ रचनाएँ (कवितायें, कहानियां, नाटक, लेख) प्रस्तुत की जाती हैं।
  • इसमें प्रतिष्ठित साहित्यकार के जीवन, साहित्य-सेवा-सम्बंधित- सार-गर्भित, गरिमापूर्ण, गहन-चिंतन युक्त लेख/शोध-लेख अपेक्षित हैं। इसमें स्वतन्त्र-लेखन/शोध/अनुसंधान में संलग्न विद्वत-जन ‘रचनाकार’ की हैसियत से सहयोग दे सकते हैं।

रचनाकार से अनुरोध है कि प्रतिष्ठित साहित्यकार की कुछ रचनाएँ (४-५ कवितायें/कहानियाँ) साथ में प्रेषित करें। नई गूँज की टीम स्वयं भी प्रतिष्ठित रचनाकार की रचनाएँ संकलित करने का प्रयत्न करेगी।

  • यदि प्रतिष्ठित साहित्यकार उपन्यासकार अथवा नाटककार हैं जिनकी रचनाएँ वृहताकार होने के कारण एक अंक में प्रकाशित करना संभव नहीं है, उनकी रचना का एक भाग अनहद-कृति के एक अंक के साहित्य-स्तम्भ में प्रस्तुत किया जाएगा, और शेष का प्रकाशन क्रमशः आगामी अंकों की अन्य विधा में जारी रखा जाएगा।
  • रचना प्रकाशन के निर्णय में सम्पादक मंडल एक से तीन माह तक का समय ले सकता है। अतः रचना संबन्धित प्रत्यस्मरण इतनी प्रतीक्षा के बाद ही करें। इस अवधि के दौरान रचना स्वीकृति की सूचना प्रेषित कर दी जाएगी। अस्वीकृत रचनाओं के विषय में किसी प्रकार की सूचना नहीं भेजी जाती। रचनाकारों से अनुरोध है कि यदि उन्हें इस अवधि में हमारी ओर से कोई सूचना प्राप्त नहीं होती तो वे अपनी रचना अन्यत्र भेज सकते हैं।
  • एक रचनाकार की एक से अधिक रचनाएँ स्वीकृत होने पर उनके पुनः प्रकाशन में सम्पादक मंडल तीन से छः माह तक का समय ले सकता है। स्वीकृति के सूचना आप तक भेजी जायेगी, कृपया उन रचनाओं को अन्य ई-पत्रिका में प्रकाशनार्थ न भेजें।
  • रचनाकार अपनी रचनायें भजने से पहले अपनी रचना को एक बार अवश्य देख लें जिस से वर्तनी की अशुध्दियों से बचा जा सके। अशुध्दियों की भरमार पाए जाने पर रचना पर विचार करना संभव नहीं होगा।
  • हिंदी रचनाओं में अंग्रेजी लिपि में लिखे शब्दों का प्रयोग न करें। इन्हें हिंदी लिपि में ही लिखें, उदाहरणार्थ: स्कूल, स्टेशन, कंप्यूटर (स्वीकृत), school, station, computer (अस्वीकृत)। इस तरह के प्रेषण से नई गूँज टीम का काम बहुत बढ़ जाता है। ऐसी रचनाएँ स्वतः ही अस्वीकार कर दी जाएँगी।
  • नई गूँज उभरते रचनाकारों का स्वागत करती है। यदि आवश्यकता हुयी तो सम्पादक-द्वय सुझाव भेज कर आपकी रचना को प्रकाशन योग्य बनाने में आपकी मदद करेगा।
  • हस्तलिखित पांडुलिपियाँ स्कैन कर के भेजी जा सकती हैं। इनका प्रेषण भी ‘अपना आयाम’ द्वारा किया जाएगा। हस्तलिखित पांडुलिपियों के प्रकाशन में 6 माह का समय लग सकता है।